अकेले रहना बड़ी ज़िम्मेदारी है।

अकेले रहना बड़ी ज़िम्मेदारी है।

लोगो की तो दो पल की यारी है,
अकेले रहना बड़ी ज़िम्मेदारी है।

दिन भर लोगो की भीड़ हो भले,
रात तो सबने अकेले गुजारी है।

खुशी तो बांट लेते हैं लोग सभी,
इस गम पे सिर्फ हक हमारी है।

तुम करलो एश ओ आराम सारे,
हम पे तो अभी काम भारी है।

हम फिर अकेले ही घर लौट आए,
खैर ये कौन सा पहली बारी है।

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