जवानी में मोहब्बत बेहिसाब की गई

जवानी में मोहब्बत बेहिसाब की गई

जवानी में मोहब्बत बेहिसाब की गई
इस कमबख्त दिल की आदतें खराब की गई।

पहले तो उसे हमने हमनशी समझा
फिर उसके नशे में ज़िन्दगी बरबाद की गई।

पहलू से निकल कर उसके हम घर आए
घर आ कर कई रातें नींद खराब की गई।

जो आंखें खुली तो अपना घर देखा
उन खाली कमरों में मुद्दतों फिराक की घिर।

इस दिल के हालत का क्या बयां करू
ज़ख्मों की गिनती दिन रात की गई।

 दरवाजे खोल कर रोजाना दोस्तो का इंतजार किया
फिर एक आईना मिला,खुद हि से बात की गई।
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