मुझे भी इंतेज़ार करना है।
ये किस्सा मुझे भी एक बार कहना हैं ,
किसी के ख़त का मुझे भी इंतज़ार करना है।
मेरी यादों को दिल में संभाल रही होगी,
जो मन में है उन्हें शब्दों में ढाल रही होगी
एक व्यस्त दिन को भी ऐतवार करना है
किसी के ख़त का मुझे भी इंतज़ार करना है।
मेरे उत्तर के इंतेज़ार में फिर वो दिन रात होगी
प्रेम में विवश बस खुद से करती वो बात होगी
जवाब में एक कागज पर ये दिल गुलज़ार करना है
किसी के ख़त का मुझे भी इंतेज़ार करना हैं।
कठिन ही सही मगर एक ही तो सपना है
किसी की आंखों में इंतेज़ार मुझे भी देखना हैं
परस्पर मुझे भी तो किसी को प्यार करना है
किसी के ख़त का मुझे भी इंतेज़ार करना है।