दर्द में यूं ना हमें खुद से दफा कीजिए
दर्द में यूं ना हमें खुद से दफा कीजिए हमें मर्ज है तो उस मर्ज की दवा कीजिए वफा करके भी फिर ये कैसी बेरुखी इससे बेहतर तो आप फिर दगा कीजिए। सिर्फ आंसू ही तो नहीं दर्द की निशानी मेरी चीख सुननी हो तो ये आंखे पढ़ा कीजिए। तनहा सा यू मुझे छोड़ जाने के बाद, मुझसे ना अब कोई उम्मीद ए वफा कीजिए