केसे कहूं बेवफा उसे
केसे कहूं बेवफा उसे, उसके भी अब 100 फ़र्ज़ है। कोई हकीम भी छुता नहीं, मोहब्बत ये कैसा दर्द है। गुमसुम रहने की आदत ना थी खैर मेरी उदासी पर उसका का कर्ज है। मौसम का कोई हाल बताओ यार, उसके जाने बाद से क्यों राते सर्द हैं। उसको मिल गई मंजिल अपनी, मुझे क्यों इस बात से भी हर्ज है।