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Category: SHER

खत

खत

सपनो के बोझ से आज हमे फुरसत मिली है।समेटे कुछ खत थे आज उनकी कीमत लगी है। अक्षय तिवारी

मोह्हबत

मोह्हबत

खुद को खुदा ऐ इश्क ऐ अदालत समझते हो, वस्ल ऐ जिस्म को मोह्हबत कहते हो? अक्षय तिवारी