खत
सपनो के बोझ से आज हमे फुरसत मिली है।समेटे कुछ खत थे आज उनकी कीमत लगी है। अक्षय तिवारी
सपनो के बोझ से आज हमे फुरसत मिली है।समेटे कुछ खत थे आज उनकी कीमत लगी है। अक्षय तिवारी
ज़ख्म लगता इसका बड़ा भारी है,लाईलाज ये मोहब्बत एक बीमारी है। अक्षय तिवारी
खुद को खुदा ऐ इश्क ऐ अदालत समझते हो, वस्ल ऐ जिस्म को मोह्हबत कहते हो? अक्षय तिवारी