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Tag: love

कोई समझ ना पाया

कोई समझ ना पाया

कोई समझ ना पाया किस फिराक में जीते हैंमिलते है सबसे तो तपाक से मिलते हैं। एक ही तो तमन्ना थी कि उसके साथ एक घर होअब वो तम्मना और घर दोनों साथ में जलते हैं। एक ज़माना था लोगो से फुरसत नहीं थीएक ज़माना है अब बस अकेले चलते हैं। वो देखते रहते हैं अब मुस्तकबिल के सपनेहम अब भी गुज़रे लम्हों में टहलते हैं। चली गई महक मेरे कपड़ों पर से उसकीचलो हम भी अब ये पुराने कपड़े…

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खामखां ज़िंदा हूं

खामखां ज़िंदा हूं

खामखां ज़िंदा हूं अब तो, ज़िन्दगी तो नजर आती नहींतारे भी आजाते है सारे पर, कमबख्त नींद ही आती नहीं। रोज़ आ जाती हैं १०० मुसीबतें दामन में मेरेइंतजार रहता है जिसका, वो सितमगर आती नहीं। तन्हाइयो का हुकुम है, अब तो मेरी रूह परलोग तो सारे चले गए, एक तेरी याद जाती नहीं। नोच लेता हूं हर दूसरे रोज़ मेरे ज़ख्म मेंदर्द से चाहत है अब तो, खुशी वैसे भी आती नहीं। जग जाना इस हकीक़त में जुर्म सा…

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Flowers

Flowers

It is the lust and selfishness among humans that want to crush a beautifully living thing for their pleasure. you don’t kill those who you love even if they cant be yours. you let them grow in their happiest enviournment. Akshay Tiwari

खत

खत

सपनो के बोझ से आज हमे फुरसत मिली है।समेटे कुछ खत थे आज उनकी कीमत लगी है। अक्षय तिवारी

How can we Define Love?

How can we Define Love?

Defining what love is more difficult than explaining inflation to anyone. different people have different opinions about love and its characteristics, but everyone doesn’t need to be right about their definition of love. there are a lot of emotions also situated with love like amusement, joy, excitement, pride, and most important pain. The important question for this generation is how do you know if someone loves you and an even more important question is how do you know about yourself…

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एक ख्वाब है,बरसो पुराना ही सही

एक ख्वाब है,बरसो पुराना ही सही

एक ख्वाब है,बरसो पुराना ही सही, ख्वाबों के जमींदार एक बार आना तो कभी। कुछ बड़े कुछ छोटे रखे है सारे, इन ख्वाबों को पूरा कर जाना तो कभी। में अपनी ही सूरत से ही घबराता रहा हूं, मेरी सीरत पे एक दिन तू मर जाना तो कभी। फूल ये रेशमी तेरे हाथो में तो नहीं सजते, जो दू में तो अपने बालों में लगाना तो कभी। उदासी से अपनी में उब चुका हूं कब से, मिलके मुझसे एकबार मुस्कुराना…

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में नींद हूं, और तू एक ख्वाब सी है

में नींद हूं, और तू एक ख्वाब सी है

में नींद हूं, और तू एक ख्वाब सी है, सवालों में खोया में, तू उनके जवाब सी है मुझे तो है आदत मरहूमियत में जीने की, तुझमें करती ज़िन्दगी बसर तू शबाब सी है। तू रहती है अदबो तहजीब में, मेरी आदते तो कुछ खराब सी है। मेरी ज़िन्दगी की गणित तो कुछ ठीक नहीं, तेरा जीवन तो बनिए के हिसाब सी है। में ठेरा अनपढ़ केसे समझ सकता उसको वरना वो तो एक खूबसूरत किताब सी है।

इश्क के जाने के बाद

इश्क के जाने के बाद

इश्क के जाने के बाद क्या होता है? हमारे मर जाने के बाद क्या होता है? शहरों में हम बे फिराक घूमते है, नजाने घर जाने बाद क्या होता है? हम आवारा, और बेवफा रहे तो अच्छा, क्या पता सुधर जाने बाद क्या होता है। उड़ कर नए बसेरा ढूंढने वालो को क्या खबर आखिर घर बिखर जाने बाद क्या होता है। में तो अभी भी वहम में जीता हूं मुझे क्या पता इश्क का असर जाने बाद क्या होता…

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जिस गली से जी घबराए

जिस गली से जी घबराए

जिस गली से जी घबराए, उस गली में आखिर जाएं क्यों? ज़ख्म ही मिलेंगे अगर आखिर में, तो फिर से ये मोहब्बत आजमाएं क्यों? जाते वक़्त उसने टोका भी नहीं, फिर मुड़के उसके घर अब जाएं क्यों? वो शमा हम ही को प्यारी थी फिर, उससे जल जाने पर पछताए क्यों? वो भी तो है गैरो की महफिल में फिर, हम ही अकेलापन अपनाएं क्यों. वो जर्जर घर आखिर अब टूट गया, फिर से मेहनत करके उसे हम बनाएं क्यों?…

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